क्या ‘राहगिरी दिवस’ या ‘इक्वल स्ट्रीट्स’ से बदल सकता भारतीय शहरों का चेहरा?
सप्ताह के एक दिन किसी भी शहर को उसके निवासियों की पहुंच योग्य बनाने और उन्हें साइकिल चलाने, पैदल चलने तथा शहर की सार्वजनिक परिवहन सेवा का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित करने वाले कार्य को वहां के नागरिक और सामाजिक संगठन मिलजुल कर निष्पादित करें तो इस नई अवधारणा को भारत में ‘राहगिरी दिवस‘ नाम दिया गया है। बोगोटा शहर में साइकिल-पथों के निर्माण में यहां के एक पूर्व मेयर श्री एनरिक पेनालोसा की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने शहर के उस मॉडल को बढ़ावा दिया जो बच्चों और सार्वजनिक स्थलों को प्राथमिकता देता है और निजी कारों के प्रयोग को प्रतिबंधित करता है। कोलंबिया के बोगोटा के अलावा कैली, मेडेलिन और कुछ और शहरों में प्रत्येक रविवार और सार्वजनिक अवकाश के दिन सुबह 7 बजे से लेकर दिन में दोपहर 2 बजे तक कुछ मुख्य सड़कों को कारों के लिए बंद कर दिया जाता है ताकि वहां पर धावक, साइकिल चलाने वाले, स्केटिंग करने वाले और पैदल यात्री उनका प्रयोग कर सकें। उसी दौरान वहां के इन शहरों के पार्कों में मंच लगा कर एरोबिक्स, योग, नृत्य एवं संगीतकारों के विभिन्न प्रदर्शनों के माध्यम से 20 लाख लोग 120 किलोमीटर से भी लम्बी कार मुक्त सड़कों पर इन कार्यक्रमों से जुड़ते हैं ………
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